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2025 मुंडन मुहूर्त: जानें वर्ष 2025 में मुंडन संस्कार की शुभ तिथियां!

Author: AstroGuru Mrugank | Last Updated: Wed 4 Sep 2024 12:33:50 PM

2025 मुंडन मुहूर्त: हिंदू धर्म की नींव वैदिक और सांस्कृतिक संस्कारों पर आधारित होती है। हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार बताए गए हैं। माना जाता है कि ऋषि, मुनियों और शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति के जीवन को उच्च और सफल बनाने में इन संस्कारों का विशेष महत्व होता है। 16 संस्कारों में से आठवां संस्कार होता है मुंडन संस्कार। इसे बहुत सी जगहों पर चूड़ा कर्म संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहते हैं कि यह संस्कार पुराने जन्मों के कर्ज से मुक्ति पाने के लिए संतान के बालों को काटकर किया जाता है। इसके अलावा शास्त्रों के अनुसार गर्भावस्था की अशुद्धियों को दूर करने के लिए भी मुंडन संस्कार बेहद ही आवश्यक होता है। 2025 मुंडन मुहूर्त विशेष अपने इस लेख में हम आपको साल 2025 में पड़ने वाले सभी मुंडन मुहूर्त की जानकारी प्रदान करेंगे। सिर्फ इतना ही नहीं अपने इस खास लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि मुंडन मुहूर्त का क्या महत्व होता है, मुंडन के दौरान क्या कुछ विशेष सावधानियां बरतनी होती हैं, मुंडन के लिए कौन सी उम्र उपयुक्त होती है, आदि बातों की जानकारी भी। 

2025 मुंडन मुहूर्त

Read in English: 2025 Mundan Muhurat 

मुंडन संस्कार महत्व 

2025 मुंडन मुहूर्त जानने से पहले चलिए आगे बढ़ते हैं और सबसे पहले बात कर लेते हैं मुंडन संस्कार के महत्व की। कहा जाता है कि मुंडन संस्कार कराने से बच्चे का मानसिक विकास होता है। दरअसल गर्भ में शिशु के सिर में जो बाल आते हैं उन्हें अपवित्र माना जाता है। ऐसे में मुंडन संस्कार के माध्यम से शिशु के बालों को काटा जाता है और तब पवित्र किया जाता है। इसके साथ ही मुंडन संस्कार करने से बच्चे की दीर्घायु सुनिश्चित होती है। बात करें की मुंडन संस्कार जन्म के कितने समय बाद करना चाहिए तो दरअसल शिशु के जन्म के 1 साल के अंत या फिर तीसरे, पांचवें और सातवें साल में मुंडन कराना सबसे ज्यादा उपयुक्त माना गया है। इसके अलावा वैदिक पंचांग में मुंडन संस्कार के लिए कुछ विशेष मुहूर्त बताए जाते हैं। यह 2025 मुंडन मुहूर्त मुख्य रूप से नक्षत्र तिथि आदि पर आधारित होते हैं। जैसे कि, 

तिथि: 2025 मुंडन मुहूर्त के लिए द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, एकादशी और त्रयोदशी तिथि को सबसे अधिक शुभ माना गया है। 

नक्षत्र: वहीं नक्षत्र की बात करें तो अश्विनी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, धनिष्ठा नक्षत्र और शतभिषा नक्षत्र में भी अगर मुंडन संस्कार किया जाए तो इससे संतान को शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। 

माह: अगर माह की बात करें तो मुंडन संस्कार के लिए आषाढ़ माह, माघ माह, फाल्गुन माह, मुंडन संस्कार के लिए सबसे ज्यादा शुभ माने गए हैं। 

वार: 2025 मुंडन मुहूर्त के अनुसार, सप्ताह के सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार का दिन मुंडन के लिए बेहद शुभ होता है। हालांकि कन्याओं का मुंडन शुक्रवार के दिन नहीं करना चाहिए।

अशुभ माह: वहीं मुंडन संस्कार के लिए अशुभ माह की बात करें तो चैत्र का महीना, वैशाख का महीना और ज्येष्ठ का महीना मुंडन संस्कार के लिए शुभ नहीं माने गए हैं।

शास्त्रों के जानकार मानते हैं और बताते हैं कि अगर इन तिथियां और नक्षत्र में मुंडन नहीं किया जाए या फिर 2025 मुंडन मुहूर्त की अवहेलना करके कभी भी मुंडन करवा लिया जाए तो यह गलत होता है। ऐसा करने से बच्चे का मानसिक विकास रुक सकता है। 

शास्त्रों के अनुसार मुंडन मुहूर्त का महत्व 

शास्त्रों में मुंडन संस्कार को विशेष महत्वपूर्ण माना गया है। माना जाता है कि गर्भ के बालों का विसर्जन करने से बच्चे को अपने पूर्व जन्म के श्रपों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा जब बच्चा गर्भ में होता है तो उसके सिर पर कुछ बाल होते हैं जिनमें बहुत सारे कीटाणु और बैक्टीरिया लग जाते हैं और मुंडन करने से यह कीटाणु और बैक्टीरिया दूर हो जाते हैं। इसके साथ ही जब मुंडन करवाया जाता है तो धूप सीधा बच्चे के सिर के माध्यम से बच्चों के शरीर में जाती है जिससे बच्चों को उचित मात्रा में विटामिन डी प्राप्त होता है और विटामिन डी की मदद से बच्चा सही रूप से विकसित होता है। इससे बच्चे का बल, तेज और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है और इन्हीं सब कर्म के चलते ही मुंडन संस्कार का सनातन धर्म में विशेष महत्व माना जाता है। 

2025 मुंडन मुहूर्त 

आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं वर्ष 2025 में 2025 मुंडन मुहूर्त या चूड़ा करण संस्कार मुहूर्त कब-कब होने वाले हैं। नीचे दिए गए चार्ट में 2025 में आने वाले सभी मुंडन के लिए शुभ दिन बताए गए हैं। यह सभी तिथियां हिंदू कैलेंडर पर आधारित हैं।

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क्यों कराया जाता है मुंडन संस्कार?

2025 मुंडन मुहूर्त के अनुसार, भारतीय परंपरा में मुंडन संस्कार को बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। कहते हैं कि 84 लाख योनियों के बाद मानव जीवन की प्राप्ति होती है। ऐसे में हर कोई इंसान अपने पिछले जन्म के पाप को हटाने के लिए मुंडन संस्कार को महत्वपूर्ण मानता है। मां के गर्भ में नवजात शिशु के आने से लेकर उसके जन्म लेने के बाद शिशु के सिर के बाल उतारने को मुंडन संस्कार कहते हैं। माना जाता है कि इस संस्कार से गर्भावस्था के दौरान बच्चों के बालों में आने वाली अशुद्धियां दूर होती हैं। मुंडन संस्कार को बहुत सी जगह पर चूड़ाकरण/चूड़ाकर्म संकार भी कहा जाता है जिसमें जन्म लेने के बाद पहली बार बच्चों के बाल उतारे जाते हैं।

मुंडन संस्कार के लाभ 

यजुर्वेद में मुंडन संस्कार के बारे में उल्लेखित है कि, मुंडन संस्कार संतान की आयु, आरोग्य, तेज, बल की वृद्धि और गर्भावस्था की अशुद्धियों को दूर करने के लिए बेहद ही उपयुक्त होता है। 2025 मुंडन मुहूर्त के अनुसार, मुंडन संस्कार संपन्न करने से जब भी बच्चे को दांत निकलते हैं तो उसे ज्यादा दर्द या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। मुंडन संस्कार से बच्चों के शरीर का तापमान भी सामान्य होता है। ऐसा करने से उनका मस्तिष्क ठंडा रहता है और बच्चे को किसी भी तरह के शारीरिक और स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां नहीं होती है। पेट के बाल को उतारने के पश्चात बच्चे के सिर पर धूप पड़ती है जिससे बच्चों को उचित मात्रा में विटामिन डी प्राप्त होती है जिससे कोशिकाओं में रक्त का प्रवाह आसानी से होता है।

मुंडन संस्कार की सही विधि 

  • मुंडन संस्कार के लिए 2025 मुंडन मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें। 
  • इसके बाद आप चाहे तो इस संस्कार को अपने ही घर में या फिर मंदिर में सम्पन्न करा सकते हैं। 
  • इस दौरान पहले हवन किया जाता है। हवन के समय माँ संतान को अपनी गोद में लेकर बैठती है। उनके मुख को हवन की अग्नि के पश्चिम दिशा की तरफ किया जाता है। 
  • बच्चों के कुछ बाल पंडित मंत्रों के उच्चारण के साथ काटते हैं उसके बाद नाई बच्चों के बचे हुए बालों को काट देते हैं। 
  • इस अवसर पर विशेष रूप से गणेश पूजा, हवन आदि की जाती है। मुंडन समारोह के अंत में आरती करें। फिर नाई और पंडित को स-सम्मान भोजन कराएं और अपनी यथाशक्ति के अनुसार दान दक्षिणा देकर विदा करें।

कहां करें मुंडन संस्कार? 

वैसे तो आम तौर पर लोग अपने घर या आसपास के ही मंदिर में जाकर मुंडन संस्कार करवाना ज्यादा उचित समझते हैं। हालांकि अगर आप चाहे तो गंगा किनारे, किसी दुर्गा मंदिर में या फिर दक्षिण भारत के तिरुपति बालाजी मंदिर में यह संस्कार संपन्न करा सकते हैं। मुंडन हो जाने के बाद बच्चों के बालों को जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा ये लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोकैंप के साथ। धन्यवाद !

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. फरवरी 2025 में मुंडन कब करें?

फरवरी 2025 की 8 10, 17, 19, 20, 21, 22, 26 और 27 तारीख को मुंडन कर सकते हैं। 

2. मई 2025 में मुंडन का दिन कब है?

इस साल मई में मुंडन संस्कार के लिए 11 मुहूर्त उपलब्ध हैं। 

3. मुंडन संस्कार क्यों जरुरी है?

मुंडन को करने से शिशु को अपने पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है। 

4. सितंबर 2025 में मुंडन मुहूर्त कब है?

इस साल के सितंबर में 5, 24, 27 और 28 को मुंडन संस्कार किया जा सकता है। 

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